पत्रिकाओं का निर्माण एवं प्रकाशन
आयोग मूल लेखन को प्रोत्साहित करने के लिए हिंदी में दो त्रैमासिक पत्रिकाएँ निकालता है और इस प्रकार छात्रों, विद्वानों, शिक्षकों, वैज्ञानिकों, पत्रकारों आदि की जरूरतों को पूरा करता है। एक त्रैमासिक पत्रिका का नाम ‘ज्ञान गरिमा सिंधु’ है जो सामाजिक विज्ञान और मानविकी विषयों से संबंधित है और दूसरी त्रैमासिक पत्रिका का नाम ‘विज्ञान गरिमा सिंधु’ है जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी विषयों / क्षेत्रों पर निकाली जाती है।
ज्ञान गरिमा सिंधु
‘ज्ञान गरिमा सिंधु’ एक त्रैमासिक पत्रिका है जिसमें मानविकी तथा सामाजिक विज्ञान विषयों से संबंधित लेख प्रकाशित होते हैं। इस पत्रिका का उद्देश्य हिंदी में अध्ययन करने वाले छात्रों के लिए मानविकी और सामाजिक विज्ञान विषयों से संबद्ध उपयोगी एवं नवीनतम मूल पाठ प्रदान करना तथा पूरक साहित्य को लोकप्रिय बनाना है। यह पत्रिका मिले-जुले प्रकार की है, जिसमें मानविकी तथा सामाजिक विज्ञान से संबंधित तकनीकी लेख, शोध लेख, निबंध, मॉडल शब्दावलियाँ, परिभाषा-कोश, कविताएँ, व्यंग्य चित्र, सूचनाएँ, समाचार तथा पुस्तक समीक्षा आदि प्रकाशित की जाती है।
विज्ञान गरिमा सिंधु
‘विज्ञान गरिमा सिंधु’ भी एक त्रैमासिक पत्रिका है, जिसमें आधार-विज्ञानों, अनुप्रयुक्त विज्ञानों तथा प्रौद्योगिकी से संबंधित लेख प्रकाशित किए जाते हैं। इस पत्रिका का उद्देश्य हिंदी में अध्ययन करने वाले छात्रों के लिए विज्ञान विषयों से संबंधित उपयोगी तथा नवीनतम मूल पाठ प्रधान तथा पूरक साहित्य को लोकप्रिय बनाना है। यह पत्रिका मिले-जुले प्रकार की है जिसमें वैज्ञानिक लेख, शोध लेख, तकनीकी निबंध, मॉडल शब्दावलियां तथा परिभाषा-कोश, विज्ञान से संबंधित कविताएँ और कहानियाँ, व्यंग्यचित्र व वैज्ञानिक जानकारी, विज्ञान-समाचार, पुस्तक समीक्षाएँ आदि प्रकाशित की जाती हैं।